New business ideas:गली गली पेन बेचने वाले ने खुद लिखी अपनी किस्मत, खड़ी कर दी 3000 करोड़ की कंपनी ….
New business ideas:गली गली पेन बेचने वाले ने खुद लिखी अपनी किस्मत, खड़ी कर दी 3000 करोड़ की कंपनी ….
सभी को नमस्कार, हमारे अपनी कारोबार सहायता केंद्र में आपका स्वागत है। आज हम आपको आपके नए छोटे हो या बडे बिजनेस स्टार्टअप के सभी प्रकार के बिझनेस idea’s आपको देखणे को मिलेंगे ..
दोस्तों आप सभी को पता है आज काल सफलता आसानी से नहीं मिलती. इसके लिए आपको कडी मेहनत करंनी पडती हैं . आज हम ऐसें इंसान के बारे बताने जा रहे हैं यह है कुँवर सचदेव की कहानी की राह. अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने सबसे पहले घर-घर जाकर पेन बेचे और मार्केटिंग का काम किया। उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई और आज वह करोड़ों यूरो की कंपनी के मालिक हैं। जैसे हम सभी ने सुना है कि एक विचार आपकी पूरी जिंदगी बदल सकता है। लेकिन ऐसा आपको कम ही देखने को मिलता है. कुछ ऐसा ही हुआ कुँवर सचदेव के साथ, जो चंद पैसे कमाने के लिए हर सड़क हर घर पर पेन बेचते थे। एक दिन उनके मन में एक विचार आया और उन्होंने छोटी सी पूंजी से एक ऐसी कंपनी की स्थापना की जो आज न केवल भारत में बल्कि कई देशों में बड़ा कारोबार करती है। मेहनत रंग लाई और किस्मत रंग लाई और आज सचदेव करीब 3,000 करोड़ रुपये के बिजनेस के मालिक हैं।
कुँवर सचदेव की यह कहानी हजारों युवाओं को प्रेरणा देगी। उनके पिता एक रेलवे कर्मचारी थे। उनका बचपन इतनी गरीबी में बीता कि उनकी प्राथमिक शिक्षा, जो उन्होंने पहले एक निजी स्कूल में प्राप्त की थी, एक सार्वजनिक स्कूल में पूरी करनी पड़ी। स्थिति ऐसी थी कि उन्हें अपनी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए घर-घर जाकर पेन बेचना पड़ा। कुँवर सचदेव का सपना बड़े होकर डॉक्टर बनने का था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कुछ वर्षों तक काम करने के बाद उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय (उद्यमिता) शुरू किया, जिसकी कीमत आज लगभग 3,000 र करोड रूपये है।
ऐसा नहीं है कि कुंवर सचदेव को अपनी पढ़ाई की शुरुआत में कोई दिक्कत हुई हो, बल्कि पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने एक केबल कम्युनिकेशन कंपनी के मार्केटिंग क्षेत्र में काम किया। कंपनी के लिए काम करते समय ही उन्हें एहसास हुआ कि देश के केबल उद्योग में विकास की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने बस अपनी नौकरी छोड़ दी और सु-काम कम्युनिकेशंस की स्थापना की। बाद में, इस उद्यम को सौर उत्पादों के उत्पादन के लिए पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया गया।
ख़ुद कुँवर सचदेव कहते हैं कि सोलर उत्पाद कंपनी शुरू करने का विचार उन्हें अपने घर में लगे इन्वर्टर से आया। उन्होंने कहा कि घर में एक पुराना इन्वर्टर था जिसमें निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया गया था। फिर उन्होंने इनवर्टर बनाने का फैसला किया और 1998 में कंपनी का नाम बदलकर सु-काम पावर सिस्टम रख दिया। आज, उनकी कंपनी विभिन्न प्रकार के सौर उत्पाद बनाती है जिनकी न केवल घरेलू बल्कि विदेशों में भी काफी मांग है।
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